Indian wrestler Nisha Dahiya पेरिस ओलंपिक 2024 में सोमवार (5 अगस्त) को भारतीय पहलवान निशा दहिया का एक अलग ही जुनून देखने को मिला. वूमेन्स उनी फ्रीस्टाइल 68 किग्रा के क्वार्टर फाइनल में निशा का मुकाबला उत्तर कोरिया की पहलवान पाक सोल गम से था. इस मैच में एक समय 8-2 की लीड लेकर निशा जीत की ओर बढ़ रही थीं, तभी उनके कंधे में चोट लग गई.
आखरी दम तक नहीं माना हार
निशा का हाथ उठाना भी मुश्किल था, लेकिन मैच का सिर्फ 1 मिनट बाकी था और निशा को मुकाबला जैसे तैसे बस निकालना था, क्योंकि लीड पहले ही बन चुकी थी. ऐसे में निशा रोने लगीं और आंसु लिए वो शेरनी की तरह फिर खड़ी हुईं और लड़ने के लिए तैयार दिखीं.
मगर उनका कंधा काफी चोटिल था, ऐसे में कोरियाई पहलवान ने मौके का फायदा उठाते हुए जोरदार दांव लगाया और 10-8 की लीड बना ली. इस तरह निशा यह मैच हार गईं. हार के बाद निशा रोने लगीं, निशा का हाथ उठाना भी मुश्किल था, लेकिन मैच का सिर्फ 1 मिनट बाकी था और निशा को मुकाबला जैसे तैसे बस निकालना था, क्योंकि लीड पहले ही बन चुकी थी. ऐसे में निशा रोने लगीं और आंसु लिए वो शेरनी की तरह फिर खड़ी हुईं और लड़ने के लिए तैयार दिखीं.
लोगो ने किया होसले की तारीफ़
मगर उनका कंधा काफी चोटिल था, ऐसे में कोरियाई पहलवान ने मौके का फायदा उठाते हुए जोरदार दांव लगाया और 10-8 की लीड बना ली. इस तरह निशा यह मैच हार गईं. हार के बाद निशा रोने लगीं, जिसके वीडियो भी वायरल हुए हैं. लोग उनके हौंसले की तारीफ कर रहे हैं. मगर अब भी निशा को एक मौका और मिल सकता है.
एक होनहार भारतीय पहलवान निशा दहिया ने पेरिस 2024 ओलंपिक में देश की उम्मीदों को अपने कंधों पर उठाया। महिलाओं के 68 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, उन्होंने पूरी प्रतियोगिता में अपार प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
Indian Nisha Dahiya was leading the game 8-2 until the thirty seconds before the final. Then she got a shoulder injury and lost 10-8.
That was the reaction of her and the crowd after the game.
Heartbreaking 💔 #Paris2024 #OlympicGames pic.twitter.com/3gkKixx29G
— AEK (@zoranbata) August 5, 2024
Indian wrestler Nisha Dahiya
हालाँकि, घटनाओं के एक हृदयविदारक मोड़ ने दहिया की ओलंपिक यात्रा को चिह्नित किया। अपने क्वार्टर-फ़ाइनल मैच में प्रभावशाली शुरुआत के बावजूद, उनके दाहिने हाथ की गंभीर चोट ने उन्हें अत्यधिक दर्द से लड़ने के लिए मजबूर कर दिया। युवा पहलवान ने अविश्वसनीय साहस का प्रदर्शन किया और विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी से लड़ते रहे। आख़िरकार, चोट से उबरना बहुत मुश्किल साबित हुआ और उसे एक दिल तोड़ने वाली क्षति का सामना करना पड़ा।
दहिया के प्रदर्शन ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया। विपरीत परिस्थितियों में उनका लचीलापन और लड़ने की भावना भारतीय खेल कौशल का प्रतीक बन गई। हालाँकि उनका ओलंपिक सपना समय से पहले ख़त्म हो गया, लेकिन उनकी यात्रा ने अनगिनत युवा एथलीटों को प्रेरित किया और मैट पर एक सच्चे योद्धा के रूप में अपनी जगह पक्की की।
Disclaimer
All the information on this website – bharatkasamachar.com – is published in good faith and for general information purpose only. Bharat Ka Samachar does not make any warranties about the completeness, reliability and accuracy of this information. Any action you take upon the information you find on this website (Bharat Ka Samachar), is strictly at your own risk. Bharat Ka Samachar will not be liable for any losses and/or damages in connection with the use of our website.