Bangladeshi Spy Vulture Found in Jharkhand झारखंड के हजारीबाग में मिला एक गिद्ध चर्चा का विषय है। विष्णुगढ़ के कोनार डैम में एक गिद्ध को बांग्लादेश का चिप लगाया गया है। यह गिद्ध पकड़ा गया था जब बांग्लादेश में अराजकता फैल गई थी। इसलिए लोग डर गए।
Bangladeshi Spy Vulture Found in Jharkhand
झारखंड के हजारीबाग में यह एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। विष्णुगढ़ के कोनार डैम से बांग्लादेश का चिप लगा एक गिद्ध, जो झारखंड के हजारीबाग में मिला, चर्चा का विषय बन गया है। विष्णुगढ़ के कोनार डैम में एक गिद्ध को बांग्लादेश का चिप लगाया गया है। उसके पंजे पर भी एक मेटालिक रिंग है, जिस पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम और संख्या अंकित है। फिलहाल, वह विष्णुगढ़ में सुरक्षित है। उस पर लगे मेटालिक रिंग और चिप का भी पता लगाया जा रहा है। एसपी अरविंद सिंह ने बताया कि चिप लगे गिद्ध की जानकारी मिली है। पुलिस जांच कर रही है। पुलिसकर्मियों से रिपोर्ट की मांग की गई है।
बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान लोगों ने चिप वाले गिद्ध को देखा तो हड़कंप मच गया। लेकिन माना जा रहा है कि इस पक्षी पर ट्रैकिंग के लिए चिप लगाई गई होगी।बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान लोगों ने चिप वाले गिद्ध को देखा तो हड़कंप मच गया। लेकिन माना जा रहा है कि इस पक्षी पर ट्रैकिंग के लिए चिप लगाई गई होगी।
गिद्ध के ऊपर लगा हुआ मिला बांग्लादेशी सोलर रेडियो कॉलर
डॉ. सत्यप्रकाश, सेव एशियन वल्चर फ्रॉम एक्सटिशन के सदस्य, ने बताया कि यह गिद्ध बहुत दूर से हजारीबाग पहुंचा है। इसलिए वह थक गया है और बीमार है। डॉ. सत्यप्रकाश, दो सेव एशियन वल्चर फ्रॉम एक्सटिशन के सदस्य, ने बताया कि गिद्ध बीमार होने के बाद हजारीबाग पहुंचा है। इसलिए वह थक गया है और बीमार है। बीमारी का कारण दो हो सकता है। या तो इसने रास्ते में खाना नहीं पाया या फिर डायक्लोफेनिक दवा से भरपूर मांस खाया है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि गिद्ध पर बांगलादेशी सोलर रेडियो कॉलर लगा हुआ है।
विष्णुगढ़ के कोनार डैम में एक गिद्ध को बांग्लादेश का चिप लगाया गया है। उसके पंजे पर भी एक मेटालिक रिंग है, जिस पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम और संख्या अंकित है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि गिद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972, शिड्यूल-1 में शामिल है। उसमें एक बांग्लादेशी सोलर रेडियो कॉलर लगा हुआ है।
पक्षी ने 1214 किलोमीटर की दूरी तय की
गिद्ध विशेषज्ञों ने पक्षी को वाइट बैक्ड वल्चर बताया है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि गिद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत शिड्यूल-1 की श्रेणी में आता है। उनका कहना था कि बॉम्बे नेशनल हिस्टोरी सोसाइटी (बीएनएसएचएस) से पता चला कि रोयल सोसाइटी फोर द प्रोटेक्शन ऑफ बर्डस (RSPB) यूके ने उक्त पक्षी की रेडियो टैगिंग की है।
यह विलुप्त होने वाली संख्या को कम करने के लिए इसे टैगिंग करना आवश्यक है; इस विलुप्त प्राय पक्षी की निरंतर निगरानी का लक्ष्य है। इस पक्षी (RSPB UK) की टैगिंग टीम की है, इसलिए उसके पंजे पर रिंग में ढाका अंकित है। BHS ने प्रमंडल को बताया कि पक्षी को 15 मई, 2024 को टैग किया गया था। यह 8 अगस्त, 2024 को हजारीबाग जिले के कोनार डैम में पहुंचा. ऐप पर पढ़ें हजारीबाग पहुंचने से पूर्व पक्षी ने 1214 किलोमीटर की दूरी तय की है। 45 दिनों की यात्रा के बाद सोमवार को वह झारखंड के हजारीबाग पहुंचा।
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अंततः
भारत में बांग्लादेशी उपकरण के साथ गिद्ध मिलने के बाद लोगों में चर्चा होने लगी है, जिससे बांग्लादेश में सियासी तनाव और हिंसा बढ़ी है। जासूसी आदि को लेकर भी लोगों को शक होने लगा। जब गिद्ध के पैरों को देखने पर पता चला कि एक में लोहे की रिंग लगी थी, तो इन सब चीजों और शक्ति का पता चला। इसमें बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम और संख्या है। कोनार डैम के कर्मचारियों ने गिद्ध को बारीकी से देखा।
डॉ. सत्यप्रकाश, सेव एशियन वल्चर फ्रॉम एक्सटीशन के सदस्य, बताते हैं कि यह गिद्ध कठिन यात्रा करके हजारीबाग पहुंचा है। इसलिए वह थक गया। इसके दो कारण हो सकते हैं। या फिर रास्ते में उसे भोजन नहीं मिला। या डायक्लोफेनिक दवा से भरपूर मांस खाया। इसे अभी विष्णुगढ़ में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। यह अब उठकर बैठा है, जो खुशी की बात है। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के बगोदर वन प्रक्षेत्र के विष्णुगढ़ बीट के जमनीजारा गांव में सुबह लगभग 9:00 बजे एक गिद्ध के चोटिल होने की सूचना मिली।
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