Jharkhand State Region Wise Results: भाजपा का चंपई दांव कोल्हान में नहीं चला, हेमंत के गढ़ में झामुमो को बढ़त मिली

Jharkhand State Region Wise Results: शनिवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए। इसमें सीट क्षेत्रवार नतीजों पर भी ध्यान रखा गया। झामुमो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गढ़ संथाल परगना में बड़ी जीत दर्ज की है। कोल्हान में भाजपा की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। आइए जानते हैं कि झारखंड में क्षेत्रवार परिणाम क्या हैं?


Jharkhand State Region Wise Results

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झारखंड में विधानसभा चुनावों के परिणाम भी स्पष्ट हो गए हैं। शनिवार को राज्य की 81 विधानसभा सीटों के परिणामों की घोषणा की गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 56 सीट जीती हैं। भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए 24 सीटों पर ही रह गई है। शनिवार के परिणामों में क्षेत्रवार नतीजों पर भी ध्यान रहा। हर दल ने क्षेत्र और क्षेत्र के अनुसार चुनाव प्रचार किया।

नतीजों से स्पष्ट होता है कि किस क्षेत्र में किसकी मेहनत कितनी प्रभावी रही। झामुमो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गढ़ संथाल परगना में बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा ने झामुमो से चंपई सोरेन को पार्टी में शामिल किया, जो कुछ खास है, भाजपा को कोल्हान में एक बार फिर झटका लगा है, क्योंकि झामुमो ने चंपई सोरेन को पार्टी में शामिल किया था।


झारखंड में कितने क्षेत्र हैं?

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झारखंड में 81 विधानसभा सीट हैं, जो पांच संभागों में विभाजित हैं। सत्ता के समीकरण इन क्षेत्रों पर निर्भर करते हैं। इन्हें संथाल परगना, कोल्हान, पलामू, उत्तर छोटानागपुर और दक्षिण छोटानागपुर कहा जाता है। झारखंड में २४ जिले हैं।


अब जानते हैं पूरे राज्य के नतीजे कैसे हैं?

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13 नवंबर और 20 नवंबर को 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के पहले चुनाव हुए। 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा, हेमंत सोरेन की पार्टी, सबसे अधिक 34 सीटें पाती है। भाजपा को इसके बाद 21 सीटें मिल रही हैं। अन्य दलों में, कांग्रेस ने 16 सीटों, राजद ने 4 सीटों और भाकपा (माले) ने 2 सीटों की बढ़त दर्ज की है। इसके अलावा आजसू, जदयू, लोजपा (आर) और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा को एक-एक सीट मिलती है।


राज्य में क्षेत्रवार नतीजे कैसे?

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छोटा नागपुर: सीटों के लिहाज से उत्तर छोटानागपुर सबसे महत्वपूर्ण है। पश्चिमी झारखंड राज्य की कुल विधानसभा सीटों में से करीब एक तिहाई है। 81 सीटों में से 25 उत्तर छोटानागपुर क्षेत्र की हैं। बोकारो, चतरा, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा और रामगढ़ जिले में ये सीटें हैं। इस बार भी, पिछले विधानसभा चुनाव की तरह, भारतीय जनता पार्टी सभी दलों पर भारी रही।

2019 में उत्तर छोटानागपुर की कुल 25 सीटों में से भाजपा ने सबसे अधिक 11 सीटें जीती थीं और इस बार 1 सीट जीती है। कांग्रेस की सीटें पांच से घटकर तीन हो गई हैं। वहीं, आजसू को पहले भी एक सीट मिली है। शेष चार पदों पर सफलता मिली है।


संपूर्ण परगना: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस क्षेत्र से हैं, जो दूसरे सबसे अधिक 18 विधायक चुनकर विधानसभा में भेजता है। देवघर, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज जिले संथाल परगना में आते हैं। 2019 की तरफ भी झामुमो ने यहां अपना प्रभाव बनाए रखा। झामुमो ने संथाल परगना की 18 सीटों में से सबसे अधिक 9 जीतीं, जो इस बार 11 हो गईं। भाजपा भी चार सीट से एक सीट पर आ गई है। अन्य को दो सीट भी मिली हैं।


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छोटा नागपुर: यह क्षेत्र भी राजनीतिक रूप से पार्टियों की जीत में महत्वपूर्ण योगदान देता है। दक्षिण छोटानागपुर में पांच जिले हैं: गुमला, खूंटी, लोहरदगा, रांची और सिमडेगा। 2019 के चुनाव में भाजपा ने दक्षिण छोटानागपुर की कुल 15 सीटों में से सबसे अधिक 5 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार वह सिर्फ 2 सीटें जीत पाई। कांग्रेस और झामुमो ने 4-4 सीटें जीती थीं, जो इस बार 7 और 6 हो गई हैं। इसके अलावा, झाविमो और आजसू को एक-एक सीट मिली, जो इस बार शून्य हैं।


कोल्हान: यह झारखंड का चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां से चौदह विधायक चुनकर आते हैं। पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम कोल्हान में मिलते हैं। कोल्हान से ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आते हैं, जो इस बार झामुमो छोड़कर भाजपा में आए हैं, लेकिन पार्टी को कोई खास लाभ नहीं मिला। 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने यहां जीत हासिल की थी। झामुमो ने पिछले चुनाव में कोल्हान की कुल 14 सीटों में से सर्वाधिक 11 जीती थीं, जबकि इस बार उसे 10 सीटें मिल रही हैं। भाजपा ने इस क्षेत्र में अपना खाता खोला है और दो सीटें जीती हैं। कांग्रेस पहले दो सीटें जीती थी, लेकिन अब एक सीट मिल रही है।


पलामू: यह झारखंड का सबसे छोटा क्षेत्र है, लेकिन पार्टियां कोशिश करती रहती हैं कि अधिक से अधिक सीटें लेकर सत्ता में आ जाएं। पलामू संभाग में तीन जिले हैं: गढ़वा, लातेहार और पलामू। इस क्षेत्र में कुल 9 सीटें हैं। भाजपा ने 2024 में इस क्षेत्र की कुल 9 सीटों में से सबसे ज्यादा 4 सीटें जीती हैं, जो पिछली बार से 1 कम है। झामुमो की सीटें भी दो से एक हो गई हैं। अन्य को दो सीट भी मिली हैं।


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