Dengue patients in Ranchi मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ गया, राज्य में अब तक डेंगू के 436 और चिकनगुनिया के 175 मरीज मिले हैं. यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग का है, निजी अस्पतालों को जोड़ने से बढ़ सकती है संख्या.
Dengue in Ranchi
रांची, राज्य में मच्छर से फैलने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष राज्य में अब तक डेंगू के 436 और चिकनगुनिया के 175 मामले सामने आए हैं। रांची में डेंगू के सबसे अधिक 122 मामले दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, पूर्वी सिंहभूम में 66, खूंटी में 59, साहिबगंज में 24, पश्चिमी सिंहभूम में 24, हजारीबाग में 20, गिरिडीह में 18, गढ़वा में 16 और सरायकेला में 15 डेंगू के मरीज पाए गए हैं। यह आंकड़ा सरकारी प्रयोगशालाओं से प्राप्त किया गया है। यदि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी शामिल किया जाए, तो यह संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
रिम्स में डेंगू के 12 मरीजों
रिम्स में वर्तमान में डेंगू के 12 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इन मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उनकी देखभाल की जा रही है। वहीं, रांची में चिकनगुनिया के 83 मरीजों की पहचान की गई है। इसके अतिरिक्त, रामगढ़ में 16, गिरिडीह में 11, पलामू में 10, पूर्वी सिंहभूम में 8, हजारीबाग में 6, गुमला में 6 और चतरा में 5 मरीज सामने आए हैं। हालांकि, यह जानकर अच्छा लगता है कि इस वर्ष राज्य में डेंगू और चिकनगुनिया से कोई भी मौत नहीं हुई है।
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प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी
राजधानी में डेंगू के मामलों में वृद्धि के कारण प्लेटलेट्स की मांग में तेजी आई है। परिजन सरकारी और निजी ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की तलाश में दौड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लेटलेट्स की अचानक कमी से मरीजों के परिजन चिंतित हो गए हैं और डॉक्टरों से प्लेटलेट्स चढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, डॉक्टरों का सुझाव है कि बिना उचित परामर्श के प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए।
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निजी लैब में 20 से 30 प्रतिशत परिणाम सकारात्मक
राजधानी की कई लैब में डेंगू के पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ पूजा सहाय ने बताया कि जिन संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं, उनमें से 20-30 प्रतिशत की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। प्लेटलेट्स की कमी सबसे बड़ी समस्या बन रही है।
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