Jaipur Cancer Treatment : अब कैंसर का अंत! केवल एक बार में ट्यूमर को खत्म करें।

Jaipur Cancer Treatment,कैंसर के मरीजों के लिए एक नई उम्मीद: अब लाखों का इलाज बिना किसी खर्च के! नई तकनीक से स्टीरियो टैक्सी सर्जरी संभव हो गई है, जो एक ही सत्र में ट्यूमर को समाप्त कर सकती है। इसके साथ ही, आस-पास के कैंसर कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं।


जयपुर कैंसर इलाज

Jaipur Cancer Treatment

राज्य कैंसर संस्थान में अब अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीनों की मदद से कैंसर के मरीजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का इलाज उपलब्ध होगा। ये मशीनें कैंसर ट्यूमर को बेहद कम समय में समाप्त करने में सक्षम हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने गुरुवार को राज्य कैंसर संस्थान के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में स्थापित लीनियर एक्सेलरेटर और सीटी सिम्युलेटर मशीनों का उद्घाटन किया। ये प्रदेश में रेडियोथेरेपी की सबसे नई मशीनें हैं।

इस मौके पर चिकित्सा मंत्री ने बताया कि लगभग 54 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इन अत्याधुनिक मशीनों के शुरू होने से ब्रेस्ट, लंग, हैड और नेक कैंसर की पहचान और उपचार में काफी सहायता मिलेगी। लाखों रुपये खर्च कर होने वाला इलाज अब यहां मुफ्त में उपलब्ध होगा। इन मशीनों की मदद से ट्यूमर का सही पता लगाने और रेडियोथेरेपी में सटीकता बढ़ेगी, जिससे कैंसर के मरीजों को विश्वस्तरीय उपचार मिल सकेगा।


फोकस रेडिएशन से त्वरित उपचार

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स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के प्रमुख डॉ. संदीप जसूजा ने जानकारी दी कि नई लीनियर एक्सेलरेटर मशीनें रेडियोथेरेपी में अत्यधिक फोकस्ड रेडिएशन प्रदान करती हैं, जिससे उपचार का समय काफी कम हो गया है और प्रक्रिया भी सरल हो गई है। ये आधुनिक मशीनें स्टीरियो टैक्सी सर्जरी करने में सक्षम हैं, जिससे एक ही सत्र में ट्यूमर को समाप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही, आस-पास के कैंसर कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं।

इस प्रक्रिया में रेडिएशन का पूरा कार्य केवल 2 मिनट में पूरा हो जाता है। पहले की तुलना में, इस मशीन से उपचार कराने वाले मरीजों को त्वचा पर कालापन या अन्य साइड इफेक्ट्स का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि रेडिएशन एक्सपोजर के दौरान आसपास के अंगों को कोई नुकसान नहीं होगा।


इलाज से पहले मशीन में होगी वर्चुअल प्लानिंग

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नई सीटी सिम्युलेटर मशीन के माध्यम से मरीजों का स्कैन करके उनके उपचार की योजना अब सॉफ्टवेयर में वर्चुअल तरीके से बनाई जा सकेगी। इससे इलाज की प्रक्रिया और भी सटीक हो जाएगी और उपचार के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। ये सभी मशीनें शुक्रवार से कार्य करना शुरू कर देंगी। देशभर में कुछ ही केंद्रों पर इस प्रकार की तकनीक उपलब्ध है।


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