Kolkata Rape and Murder case : सोची समझी साजिश या अंजान दुर्घटना, 8 अगस्त की रात..

Kolkata Rape and Murder case : यह दुर्घटना 8 अगस्त 2024 की रात की है, जब RG Kar मेडिकल कॉलेज की एक ट्रेनिंग डॉक्टर मोनमीता देबनाथ अपनी ड्यूटी पूरी करके सेमिनार रूम में आराम कर रही थी, तभी कुछ लोगों ने उनके साथ किया दुष्कर्म।


क्या हुआ था, 8 अगस्त की रात

Kolkata Rape and Murder case

8 अगस्त की रात जब डॉक्टर अपनी शिफ्ट पूरी करके सेमिनार रूम में आराम करने गई तभी उनके साथ हुई है डर्घटना,अभी तक की जानकारी से पता चला है की उस रात कुछ दरिंदों ने उनके साथ दुष्कर्म करके उनकी हत्या कर दी,सुबह जब लोगों को उनकी बॉडी मिली तब उनके अंग के हर हिस्से से खून निकल रहा था, उनकी आँखों में चश्मे के कांच गड़े हुए उनके दोनों पैर 90 डिग्री कोण मूडे हुए थे। उनके पेट, मुंह, हाथ, उनके शरीर के हर अंग पर घाव के निशान थे। उनके परिवार को घंटों तक पुलिस ने खड़ा रखा, उनको अपनी बच्ची का चेहरा तक देखने नहीं दिया। 3 घंटे खड़े रहने के बाद पिता को अंदर जाने दिया गया और जब वो बाहर आए तो अपनी बच्ची को देखकर कांप रहे थे।उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, उसके दोनों पैर राइट एंगल में पड़े हुए थे।एक पैर बेड के इस तरफ और एक पैर बेड के उस तरफ। फोरेंसिक अटॉप्सी रिपोर्ट के हिसाब से पता चला था, कि उनके साथ दुष्कर्म करने में एक नहीं कई लोग शामिल थे।


प्रिंसिपल ने इस्तीफा क्यों दिया

Kolkata Rape and Murder case

ईस दुर्घटना के कुछ समय बाद RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपना इस्तिफ़ा दे दिया, उन्हें ऑनलाइन अधिसूचना के माध्यम से पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल बना दिया। क्या इस कदम के पीछे पश्चिम बंगाल सरकार की कोई साजिश है, क्यों दिया प्रिंसिपल ने घाटना के कुछ समय बाद अपना इस्तिफा और उन्हें दूसरी जगह का प्रिंसिपल क्यों बनाया गया। ये सभी कदम एक ही ओर इशारा करती है, कि पश्चिम बंगाल सरकार इस दुर्घटना को दबाना चाहती है।


14 अगस्त की रात कौन थे वह लोग

Kolkata Rape and Murder case

14 अगस्त की रात जब डॉक्टर और आम लोग न्याय की मांग कर रहे थे, शांतिपूर्व आंडोलन प्रदर्शन कर रहे थे तभी वहां एक अज्ञात भीड़ घुसता है, और हॉस्पिटल की चिजोन को तोड़फोड करने लगता है, आम भाषा में बोला जाए तो सबूतों को खत्म करने का पूरा प्रयास करता है। सबके मन में बस एक ही सवाल कौन थे ये लोग किसने भेजा था इन्हें कौन सबूत को ख़त्म करना चाहता है। क्या इसके पीछे बड़े लोगों का हाथ है, क्या इसके पीछे सरकार है क्या है इसकी पूरी कहानी क्यों बंगाल सरकार उसे लड़की को नया नहीं देना चाहती और जो न्याय मिल रहा है, उसमें रुकावत बाना रही है।


किसका था ब्लूटूथ हेडसेट?

Kolkata Rape and Murder case

दुर्घटना की रात सीसीटीवी कैमरे में एक अज्ञात व्यक्ति दिखई दिया जिसका नाम संजय रॉय था। कहां जा रहा है कि संजय ने पहले उसे लड़की का रेप किया और उसकी हत्या कर दी, पर फोरेंसिक रिपोर्ट के हिसाब से ट्रेनिंग डॉक्टर के शरीर को एक नहीं कई लोगों ने उनके साथ दुष्कर्म किया। संजय रॉय एक नागरिक स्वयंसेवक है, रिपोर्ट का सुझाव देते है, लेकिन कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कई सवालों के बावजूद एक संवाददाता सम्मेलन में आरोपी के पेशे की पुष्टि नहीं की । क्या यह सोची समझी साजिश है क्या इसे एक आदमी की तरफ मोड़ के इस मामले को बंद करने की बंगाल सरकार की साजिश है।क्यों बंगाल सरकार ने अभी तक नवीनतम तकनीक के जमाने में भी ईस मामले को अभी तक हल नहीं किया और सारे आरोपियों को सजा नहीं दी।


आम लोगों की मांग

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में शनिवार को सुबह 6 बजे शुरू हुआ एक विरोध प्रदर्शन (गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर) 24 घंटे के लिए देशव्यापी हड़ताल कर रहा है । IMA अपराध की गहन और समय पर जांच और अगस्त की रात को अस्पताल में तोड़फोड़ में शामिल लोगों की पहचान और सजा की भी मांग कर रहा है।लोगों की मांग है कि जल्दी से जल्दी उन दरिंदों को पकड़ा जाए और सजा सुनाई जाए।

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क्या हमें इंसाफ मिलेगा?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हरकतों से हमें नहीं लग रहा है कि इन्साफ मिलेगा क्योंकि बंगाल सरकार और बंगाल पुलिस ने सबूतों के साथ पूरा खिलवाड़ करने की कोशिश की, हलांकि अभी तक एक व्यक्ति गिरफ़्तार हुआ है।अब याह के CBI को सौप दिया गया है,अब हमारा भरोसा CBI पर ही है, कि वाह सेंटर की मदद से हमें इन्साफ दिला पाती है, कि नहीं क्योंकि बंगाल सरकार ने तो इन्साफ रोकने की पूरी कोशिश की,ममता दीदी बड़ी शातिर है उनकी सरकार से यह मामले हल नहीं हुआ तो उन्होंने CBI को सौप दिया और अब खुद आंदोलन पर उतर गई हैं, यह मांग करते हुए कि हमें इंसाफ चाहिए, दीदी यहां भी राजनीति ही खेल रही हैं।


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