The 1st time in history an intercontinental ballistic : मिसाइल को एमआई आरवी तकनीक के साथ विकसित किया गया है।

The 1st time in history an intercontinental ballistic इतिहास में पहली बार एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, जो एमआई आरवी तकनीक से लैस है, यूक्रेन पर दागी गई है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। मैं आपको यह वीडियो दिखाऊंगा, और आप देखेंगे कि पूरी दुनिया इस पर चर्चा कर रही है।


The 1st time in history an intercontinental ballistic

The 1st time in history an intercontinental ballistic

The 1st time in history an intercontinental ballistic रूस ने यूक्रेन पर जो आईसीबीएम का परीक्षण किया है, वह एक महत्वपूर्ण घटना है। इसके खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, लेकिन इसके बावजूद रूस ने यह कदम उठाया है। यह स्थिति दुनिया में न्यूक्लियर युद्ध के खतरे को फिर से बढ़ा देती है। पहले कभी भी आईसीबीएम जैसे मिसाइलों का केवल परीक्षण किया जाता था, लेकिन अब यह एक नई दिशा में बढ़ रहा है। भारत ने भी अग्नी फाइव जैसे आईसीबीएम का परीक्षण किया है, जो इस प्रकार की मिसाइलों की क्षमता को दर्शाता है।

भीम ने आईवीएम गिराया है। अगर इस बारे में कोई सवाल पूछे, तो जवाब मत देना, बस कहना “नो कमेंट” और हेलो बोलना पड़ेगा। मैंने आज तक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा नहीं देखा कि स्पोक्समैन को फोन आए और कहा जाए कि उस विषय पर बात मत करो। पश्चिमी दुनिया, जैसे कि अमेरिकी और यूरोपीय लोग, इस पर चर्चा करना शुरू कर देंगे। वाह! और फिर, यह तो स्पोक्समैन का वीडियो था। अब हम मिसाइल स्ट्राइक का वीडियो देखते हैं, जिसे देखकर कई लोग कह रहे थे कि बस यही है, बस इतना ही।


रूस ने अपनी उन्नत तकनीक को पेश किया है

The 1st time in history an intercontinental ballistic

The 1st time in history an intercontinental ballistic रूस ने अपनी उन्नत तकनीक को दुनिया के सामने पेश किया है, और मैं समझ सकता हूं कि रूस इस पर चुप क्यों है। एमआई आरवी तकनीक का असली युद्ध में उपयोग करना एक बड़ा जोखिम है। अमेरिकियों ने पहली बार देखा है कि कैसे रूसी मिसाइलें एमआई आरवी तकनीक के माध्यम से गिराई जाती हैं। इसलिए, यह समझ में आता है कि रूस इस विषय पर चुप रहना चाहता है। वे इस वीडियो के अलावा कोई भी जानकारी बाहर नहीं लाना चाहते, खासकर उस स्थान के बारे में जहां मिसाइल हमले हुए हैं और जिस तरह से ये मिसाइलें कार्य करती हैं।

मैं आपको एक दिलचस्प दृश्य दिखाने जा रहा हूं। ध्यान से देखिए, यहां पर एक-एक करके मिसाइलें गिर रही हैं। बूम! आपको यह अजीब लग सकता है, लेकिन ऊपर एक सोनिक बूम सुनाई दे रहा है और नीचे लगातार मिसाइलें गिर रही हैं। सबसे अजीब बात यह है कि ये केवल एक मिसाइल नहीं हैं, बल्कि कई मिसाइलें एक के बाद एक गिर रही हैं। लेकिन नीचे कोई धमाका क्यों नहीं हो रहा? यह सोचने वाली बात है। पहले तो आपके मन में यही सवाल आएगा कि इतनी सारी मिसाइलें इतनी कम समय में बार-बार क्यों गिर रही हैं

The 1st time in history an intercontinental ballistic बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 5500 किमी से अधिक होती है, इसलिए अग्नि फा मिसाइल को एक इंटरकॉन्टिनेंटल ब्लास्टिंग मिसाइल माना जाता है। इस विशेष मामले में रूस को आईसीबीएम का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं थी। यह घटना दुनिया भर में सुर्खियों में रही है, क्योंकि यह पहली बार है जब इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का युद्ध में उपयोग किया गया। रूस का मुख्य उद्देश्य एक संदेश भेजना था, जिसमें यह दर्शाना था कि उनकी मिसाइलें, जिनकी रेंज 5000 किमी या उससे अधिक है, कितनी प्रभावशाली हैं।

मैं यही प्रार्थना कर रहा हूं कि ट्रंप के आने में कोई बड़ी समस्या न आए। बस कुछ ही महीने बचे हैं, मतलब लगभग डेढ़ महीना। उम्मीद है कि रूस तब तक केवल नॉन न्यूक्लियर मिसाइल्स का ही इस्तेमाल करता रहे। अगर वो भी न हो, तो और भी बेहतर है। युद्ध किसे पसंद है? लेकिन उम्मीद है कि ट्रंप के आने से पहले न्यूक्लियर युद्ध शुरू न हो जाए। हम सभी इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। और अंत में, मैं आपसे एक बहुत महत्वपूर्ण सवाल पूछना चाहता हूं। हाल ही में, यूएन सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई थी।


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