West Bengal Anti Rape Bill पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अपराजिता का बिल प्रस्तुत किया है। यह बिल रेप पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है और दोषियों को सख्त सजा देता है। यह कहता है कि रेप का दोष सिद्ध होने पर दस दिन में फांसी की सजा दी जाएगी।
West Bengal Anti Rape Bill
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अपराजिता का बिल प्रस्तुत किया है। यह बिल रेप पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है और दोषियों को सख्त सजा देता है। यह कहता है कि रेप का दोष सिद्ध होने पर दस दिन में फांसी की सजा दी जाएगी। भाजपा भी अपराजिता बिल का पक्षधर है। बलात्कार पीड़िता की मौत होने या अचेत होने पर विधेयक में मृत्युदंड का प्रस्ताव किया गया है।
बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के दोषी व्यक्तियों को मसौदे में आजीवन कारावास की सजा भी दी जाएगी। “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024” नामक प्रस्तावित कानून का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को बढ़ाना है। पश्चिम बंगाल राज्य में हाल में लागू हुए भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 को संशोधित करने का प्रस्ताव मसौदा विधेयक में है, ताकि सजा को बढ़ाया जा सके।
तत्काल जांच और सुनवाई की योजना
इसके अलावा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य हिंसा की तत्काल जांच और सुनवाई के लिए योजना बनाई जा सकती है। यह मसौदा राज्य की नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के मौलिक अधिकारों को बचाने और यह सुनिश्चित करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों का कानूनी रूप से मुकाबला किया जाए।
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सत्ता पक्ष की चर्चा में ममता बनर्जी भाग लेंगी
इस विधेयक पर लगभग दो घंटे चर्चा होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से विधायक अग्निमित्रा पॉल और शिखा चटर्जी के अलावा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी चर्चा में भाग ले सकते हैं। सत्ता पक्ष की चर्चा में विधायी मामलों के मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाग लेंगे।
बलात्कार पीड़िता की मौत होने या अचेत होने पर विधेयक में मृत्युदंड का प्रस्ताव किया गया है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले महीने एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद सोमवार को विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था।
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